
सीकर. पिपराली ग्राम पंचायत के सिंहासन गांव की पिरोवाली जोहड़ी, जो कभी हरे चारे की कमी से जूझ रही थी, आज हरियाली की मिसाल बन चुकी है। आवारा पशुओं और गौशाला के लिए चारे का संकट स्थानीय लोगों की चिंता का सबब था, लेकिन ग्राम पंचायत की एक ठोस पहल ने इस बंजर भूमि को हरा-भरा कर दिया।
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 2024-25 में 10,000 पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया। गड्ढों की खुदाई से शुरू हुआ यह सफर जनभागीदारी का प्रेरक उदाहरण बन गया। श्री रामदास गौशाला समिति और पंजाब नेशनल बैंक ने भामाशाह की भूमिका निभाई, जिसमें बैंक ने आर्थिक और भौतिक सहयोग से सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया। अब तक श्री रामदास गौशाला समिति व ग्रामीण जन सहयोग के द्वारा 6500 पौधे रोपे जा चुके हैं, जिनमें से 5500 जीवित और हरे-भरे हैं। नलकूप और ड्रिप सिंचाई की सुविधा ने पौधों को जीवन दिया, तो तारबंदी ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। यह न केवल पशुओं के लिए चारे का स्थायी समाधान है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।